#astrology
न भू🌏 और न सूर्य☀️ केंद्रीय अपितु समावेशी है ज्योतिष।
प्राचीन युग में खगोल अध्ययन ज्योतिष का ही भाग रहा और जब तक ज्योतिष का भाग रहा तब तक खगोलशास्त्र प्राणवान बना रहा परन्तु आधुनिक युग में ज्योतिष से अलग देखे जाने के साथ ही खगोलशास्त्र निष्प्राण हो गया, ऐसे जैसे जीवन ज्योति के बिना हाड-मांस का एक पिण्ड। प्राचीन और आधुनिक दर्शनों में एक बड़ा अंतर यह भी है कि प्राचीन दर्शन ग्रहों की स्तुति गाता व उन्हे भजता है और आधुनिक दृष्टिकोण इन्हें भोगने पर केंद्रित है।